कांस्टेबल की म्रत्यु में एक और विवाद जुड़ गया है। कल जहाँ एक चश्मदीद ने ये बताया की उसने और एक लड़की ने कांस्टेबल को संभाला था, जब वो बेहोश हो के गिरे थे, उसने एम्बुलेंस को भी कॉल किया था। एम्बुलेंस के ना आने पर उन्हें पुलिस की गाडी से ही हॉस्पिटल ले जाया गया। आज आर ऍम एल हॉस्पिटल की डोक्टर ने बयान दिया की कांस्टेबल सुभाष तोमर को कोई अन्दुरुनी गंभीर छोटे नहीं थी। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। फिरर गृह सचिव की ये बयान आया की कमिशनर ने गलत जाकारी दी। आखिर ये सब क्या हो रहा है??? क्या कमिशनर साहेब अपने ही कास्टेबल की मौत पर राजनीति करके अपनी गलतियों को ढकने की कोशिशि तो नहीं कर रहे??? अगर ये सच है तो घोर कलयुग है, जब अपने ही अधिनस्थ कार्य करने वाले की आपको फ़िक्र नहीं (होती तो दिल के मरीज की ड्युटी आप फिल्ड में नहीं डेस्क पर लगते), तो आम जनता आपसे क्या अपेक्षा करे????
Not all scars show, not all wounds heal. Sometimes you can't always see the pain that someone feels.