एक पल हमारे पास है , इसे यूं ना गंवाओ,
प्रिय तुम आ जाओ.........
बारिश की छमछम, पत्तों की सरगम,
सर्द हवा के झोंके, तुम्हें बुला रहे है,
प्रिय तुम आ जाओ.......
जब हम क्रन्दन करते इस धरा पर आये-
वह एक पल था।
ओर जब तितलियों के पीछे भागते गिरते-
फिर उठ कर भागते,
वह भी एक पल था।
चांद पकड़ने की धुन मे जब हम-
तैलया मे उतर जाते,
वह भी एक पल था।
जिंदगी के सफ़र मे, किसी राह पर-
जब हम पहली बार मिले,
वह भी एक पल था।
दिल ने सोचा था कि तुम सिर्फ राही नहीं-
हम राही हो सकते हो,
वह भी एक पल था।
पलकें बिछाए इंतज़ार मे तुम्हारे-
मैं बैठी हूँ,
यह भी एक पल है।
ओर जब मौत के साए हमे-
अपनी गोद मे समेट लेंगे,
वह भी एक पल होगा।
तनहाई को ना अपना साथी बनाओ-
एक पल जीवन का,
जो हमारे पास है, उसे यूं ना गंवाओ-
प्रिय तुम आ जाओ......................
1 comment:
aapne bahut hi sundar geet likha hai. congretulion..........
great.....
dil ko chhu gaya ...... vo...v
aur bhi achha likhen ...... good wishesh.........
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