"अगर हम एक आंसू होते-
तो उनकी आंखों से हो कर-
उनके होटों पर मरना पसंद करते....
ओर अगर वो मेरी आंखों का आंसू होते-
तो वादा है की-
हम जिंदगी भर ना रोते.... "
ले.- प्रवीण कुमार , एक प्यारा दोस्त जो आज हम सबके बिच नहीं है।
तो उनकी आंखों से हो कर-
उनके होटों पर मरना पसंद करते....
ओर अगर वो मेरी आंखों का आंसू होते-
तो वादा है की-
हम जिंदगी भर ना रोते.... "
ले.- प्रवीण कुमार , एक प्यारा दोस्त जो आज हम सबके बिच नहीं है।
1 comment:
कलम के धनी प्रवीण को मेरा सलाम
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