तुमसे हर मुलाक़ात
नई खुशियाँ ले कर आती है।
तुम्हारी दबी दबी सी मुस्कराहट
दिल मे हसीं जज्बात जगाती है॥
तुम अगर ना मिलो कभी तो
आँखें बेचैन हो जाती है।
ग़र मिल जाओ कहीं तो
जाने क्यों शर्म से झुक जाती है॥
अब बस एक तुम्हीं से
जीवन की हर ख़ुशी नजर आती है।
जाने वो कौनसी बात
जुबां तक आकर रूक जाती है॥
इन सब बातों का तो
मुझे इकरार है।
पर तुम ये ना समझना
की मुझे तुमसे प्यार है...............:)
अब तो जीवन मेँ हर ओर
बाहार ही बाहार नजर आती है।
इस बेकरार दिल को
तेरी एक झलक करार दे जाती है॥
तेरी खुशबु मेरी साँसों को
महका जाती है।
अब तो दिल के बहलने की
कोई सूरत नजर नहीं आती है॥
दिल को हर पल बस
तेरी याद सताती है।
जिंदगी को एक तेरी ही
जरुरत नजर आती है॥
इन सब बातों से मुझे
कहॉ इनकार है।
पर फिर भी तुम ये ना समझना
कि मुझे तुमसे प्यार है.........:)
Friday, May 18, 2007
Thursday, May 10, 2007
Wednesday, May 9, 2007
वादा
युवाओं के नाम संदेश
किसी ने सच ही कहा है कि 'युवा शक्ति क्या नही कर सकती , युवाओं ने विश्व में अनेक क्रान्तियां की है।' दोस्तो विश्व मे विभिन्न देशों के बदलाव मे , उनके विकास मे , युवाओं का ही हाथ रहा है। हमे दुसरे देशों का इतिहास देखने की क्या आवश्यकता है, हमारा अपना इतिहास युवाओं के संघर्ष ओर कुर्बानियों से भरा हुआ है। चापेकर बंधु, खुदिरम बोस, भगत सिंह, अशफाक उल्हा खान, चंद्रशेखर आजाद आदि युवाओं कि क़ुरबानी ओर बाल-लाल- पाल, जवाहर लाल नेहरू , सरदार पटेल, सुभाष चंदर बोस, मौलाना आजाद जैसे युवाओं के संघर्ष का ही परिणाम है कि भारत एक संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न गणराज्य है ओर हम सभी आजादी कि खुली हवा मे सांस ले प रहे है। परंतु दोस्तो, दुर्भाग्य से देश का महौल चिंताजनक हो रहा है। विघटनकारी शक्तियां जाती, धर्म या छेत्र के नाम पर इस देश कि एकता व अखंडता पर बार बार प्रहार कर इसे त्रस्त भ्रष्ट व नष्ट कराने पर तुली है। आज के हालत पे किसी शायर का ये कथन सटीक सिद्ध प्रतीत होता है-
"सच तो लुट गया है झूट बाक़ी है-
शबनम कि जगह तपन बाक़ी है,
आज आंखें हैरत मे है परेशां-
इन्सान लापता है कफ़न बाक़ी है"
दोस्तो आज समय आ गया है कि हम अपने आप से पूछें कि ऐसा क्यों होता है कि आजादी के इतने सालों बाद एक प्रदेश दुसरे प्रदेश को बिजली व पानी देने से मना कर देता है? ऐसा क्यों होता है कि एक राज्य से दुसरे राज्य मे जाते ही हम अपने ही देश मे परदेसी महसूस करते है? ऐसा क्यों होता है कि एक इन्सान दुसरे इन्सान की जान लेने मे इस लिए नही हिचकिचाता कि सामने वाला दुसरी जाती या धरम या छेत्र से है? हमे अपने आप से ये भी पूछना है कि क्या भगत सिंह सिर्फ सिखों या पंजाब की आजादी के लिए फंसी के फंदे पे झूले थे? क्या अशफाक उल्हा खान की शहादत ओर मौलाना आजाद का संघर्ष सिर्फ मुसलमानो या उत्तर प्रदेश के लिए था? जवाहर लाल नेहरू ने अपने सारी जवानी जेल में संघर्ष करते हुये गुजारी तो क्या सिर्फ पंडितों के लिए? सुभास चंदर बोस ने आजाद हिंद फौज का निर्माण क्या सिर्फ कायस्थों या बंगालियों की आजादी के लिए किया था? नहीं वो लड़े थे अटक से लेकर कटक तक ओर कश्मीर से लेके कन्यान्कुमारी तक रहने वाले हर भारतवासी के लिए।
दोस्तो आज हमारे पास दो ही रास्ते है या तो हम इन विघटनकारी ताकतों के रस्ते पर चल के अपने देश को खंडित होने दे या हम अपने देश को ऐसा बनायें जिसका सपना देखते हुये तिलक, गोखले, गाँधी, नेहरू, सुभाष, मौलाना, पटेल आदि ने सारा जीवन संघर्ष करते हुये गुजार दिया ओर जिसका सपना देखते हुये भगत सिंह , चंद्र शेखर आजाद , अशफाक ने जान तक कुरबान कर दी। बहुत पहले एक कवि इकबाल हुये थे। जिन्होंने एक बहुत सुन्दर गीत लिखा था 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा '। यदि हम चाहते है कि भविष्य मे इस गीत को गुनगुनाते वक्त हमारी आंखें शर्म से ना झुके , यदि हम चाहते है कि इस गीत को गुनगुनाते वक्त हमारे दिल मे कोई मलाल ना हो, यदि हम चाहते है कि इस गीत को गुनगुनाते वक्त हम हमारी भावी पीडी को जवाब देने मे असमर्थ ना हो जाएँ , तो हमे वाही देश बनाना होगा, जिसका सपना हमारे शहीदों ने देखा था। ताकी हम भविष्य मे पुरे आन् बान ओर शान से गुनगुना सके 'सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा'।
दोस्तो अब वक्त आ गया है हम सब मिलाकर इन विघटनकारी शक्तियों का जवाब दें। उन्हें बता दे कि इस देश का यूवा उन्हें जाती, धरम या चेत्र के नाम पर देश को तोड़ने की इजाजत कदापि नही देगा। इस संघर्ष मे हमे पसीना तो क्या ख़ून भी बहाना पडे तो हिचाकिचाना नही है। इस देश का भविष्य हमारे हाथों मे है ओर उसे हमे उज्जवल बनाना है। यही हमारा संकल्प होना चाहिऐ। किसी शायर ने ठीक ही कहा है-
"अब हवाएं ही करेगी रोशनी का फैसला -
जिस दिए मे जान होगी वो दिया जलाता रहेगा"
ओर हमे बता देना है कि हमारे जोश व संकल्प रूपी दिए को बडे से बड़ा तूफ़ान नही बुझा सकता। तो आओ दोस्तो हम सभी मिलके आज ये संकल्प ले कि राष्ट्रिय हित मे हम बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने मे नही हिचकिचाएंगे ओर इस देश को एक ऐसा देश बनायेंगे जिस पर हमे ही नही वरन पुरे विश्व को नाज हो।किसी ने युवाओं के लिए ही कहा है-
"जब हम मचलते है तो तूफ़ान मचलते है-
जब हम उबलते है तो भूचाल उबलते है,
हमे बदलने कि कोशिश ना करना-
हम बदलते है तो इतिहास बदलते है "
तो आओ हम अपने को इस क़दर बदले कि आने वाले समय मे जब वर्त्तमान का इतिहास लिखा जाये तो हम उस पे गर्व कर सकें।
Tuesday, May 8, 2007
I Asked the Loard to Bless You...
I asked the Lord to bless you-
As i prayed for you today,
To guide you and protect you-
As you go along your way....
His love is always with you-
His promises are true,
And when we give Him all our cares-
You know he wil see us through...
So when the road you're traveling on-
Seems difficult at best,
Just remember I'm here praying-
And God wil do the rest...
NOTE:- This pray for you, all my friends........
As i prayed for you today,
To guide you and protect you-
As you go along your way....
His love is always with you-
His promises are true,
And when we give Him all our cares-
You know he wil see us through...
So when the road you're traveling on-
Seems difficult at best,
Just remember I'm here praying-
And God wil do the rest...
NOTE:- This pray for you, all my friends........
Monday, May 7, 2007
I Love You
I love you not only for what you are-
But for what I am when I am with you..
I love you not only for what you have made of yourself-
But for what you are making of me..
I love you for the part of me-
that you wil bring out..
I love you for passing over my foolish and weak trails-
That no one else had loved quite far enough to find..
But for what I am when I am with you..
I love you not only for what you have made of yourself-
But for what you are making of me..
I love you for the part of me-
that you wil bring out..
I love you for passing over my foolish and weak trails-
That no one else had loved quite far enough to find..
Thursday, May 3, 2007
Film Review – Ta Ra Ram Pam
This is a nice family movie. The whole story based on a small and sweet family- a husband, wife & their two lovely kids, living with full of happiness. Husband is successful car racer and believes to enjoy the each & every movement of present life, but no plans for future. An accident entirely changes their life and lots of challenges they have to face. They all tougher fought against the challenges and get back all that, they lost. Allought it has a dramatic happy ending, but sounds very pleasant to the audience.
This simple story, simply pass four massages to us:
1) A family stands upon four pillars- trust, understanding, love & co-operations.
2) Tougher we can, tougher we win.
3) Enjoy your present, but plan your future too.
4) No body is prefect, two different tougher make prefects to each other.
So.. What u are waiting for? Just go and watch this movie once ...
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