कामना
नहीं चाहती राज्य जगत का,
न ही स्वर्ग का सुख भोग।
नहीं मोक्ष की मुझे कामना,
और न ही कीर्ति का है मोह॥
यही चाह है जब तक जिऊँ,
कहता है मेरा यह मन।
मातृ भूमि की सेवा मेँ ही,
सदा बिताऊँ निज जीवन॥
(यह किविता १९९४ मे लिखी गयी)
'Aim at the sun and you may not reach it, but your arrow wil fly higher than it aimed at an object on a level with your life.'
4 comments:
गणतंत्र दिवस की बधाई व शुभकामनाएं आपको भी।
आपको भी इस दिन की शुभकामनाएँ ।
घुघूती बासूती
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।
Idealistic.
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