Friday, May 18, 2007

इकरार

तुमसे हर मुलाक़ात
नई खुशियाँ ले कर आती है
तुम्हारी दबी दबी सी मुस्कराहट
दिल मे हसीं जज्बात जगाती है
तुम अगर ना मिलो कभी तो
आँखें बेचैन हो जाती है
ग़र मिल जाओ कहीं तो
जाने क्यों शर्म से झुक जाती है
अब बस एक तुम्हीं से
जीवन की हर ख़ुशी नजर आती है
जाने वो कौनसी बात
जुबां तक आकर रूक जाती है
इन सब बातों का तो
मुझे इकरार है
पर तुम ये ना समझना
की मुझे तुमसे प्यार है...............:)


अब तो जीवन मेँ हर ओर
बाहार ही बाहार नजर आती है।
इस बेकरार दिल को
तेरी एक झलक करार दे जाती है॥
तेरी खुशबु मेरी साँसों को
महका जाती है।

अब तो दिल के बहलने की
कोई सूरत नजर नहीं आती है॥
दिल को हर पल बस
तेरी याद सताती है।

जिंदगी को एक तेरी ही
जरुरत नजर आती है॥
इन सब बातों से मुझे
कहॉ इनकार है।
पर फिर भी तुम ये ना समझना
कि मुझे तुमसे प्यार है.........:)

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